
साँस बाकि है, अभी जिंदगी का भरम रहने दो ।
वो आएगा मुजस्सम ,दिले -खुशफहम रहने दो ॥
डूब जाऊंगा ख़बर है , मगर हूँ सब्र-तलब ,
पार हो जाऊंगा ,यकीं है वो करम रहने दो ॥
किस्तों-किस्तों में कमाया है मैंने दर्द की जागीर ,
मुझे अजीज है वो ,मेरे पास मेरे गम रहने दो ॥
कल दफ़न कर देना मुझको , ऐ दोस्त मेरे ,
इतनी भी जल्दी है क्या ,थोडी शरम रहने दो ॥
टूट जाए न वादा जो निभाना था तुझे 'अर्श ' ,
आ भी जावो मेरे पास , वो कसम रहने दो ॥
प्रकाश 'अर्श '
०२/०८/०८
मुजस्सम =परिपूर्ण ,दिले-खुशफहम =दिल की खुशी ,सब्र -तलब =आस्वस्थ ....
वो आएगा मुजस्सम ,दिले -खुशफहम रहने दो ॥
डूब जाऊंगा ख़बर है , मगर हूँ सब्र-तलब ,
पार हो जाऊंगा ,यकीं है वो करम रहने दो ॥
किस्तों-किस्तों में कमाया है मैंने दर्द की जागीर ,
मुझे अजीज है वो ,मेरे पास मेरे गम रहने दो ॥
कल दफ़न कर देना मुझको , ऐ दोस्त मेरे ,
इतनी भी जल्दी है क्या ,थोडी शरम रहने दो ॥
टूट जाए न वादा जो निभाना था तुझे 'अर्श ' ,
आ भी जावो मेरे पास , वो कसम रहने दो ॥
प्रकाश 'अर्श '
०२/०८/०८
मुजस्सम =परिपूर्ण ,दिले-खुशफहम =दिल की खुशी ,सब्र -तलब =आस्वस्थ ....
अर्श साहब बहुत ख़ूब!
ReplyDeletebhut khub. likhate rhe.
ReplyDeletesundar rachana ke liye badhai. jari rhe.
ReplyDeleteक्या बात कही है - मेरे पास मेरे गम रहने दो... वाह! वाह!!
ReplyDeleteaap sabhi ka protsahan utsahit karta hai .....dhanyawad.......
ReplyDeleteregards
"Arsh"