Monday, June 7, 2010
शुक्रगुज़ार हूँ आप सभी का ...
आज ब्लॉग की तीसरी सालगिरह है और सुबह से इसी उहापोह में हूँ के क्या कहूँ और क्या लिखूं, खैर कुछ समझ तो अभी तक नहीं आया इसलिए बस ये केक आप सभी के हवाले किये जा रहा हूँ ! और इस वादे के साथ के बहुत जल्द ही एक खुबसूरत ग़ज़ल के साथ हाज़िर होने वाला हूँ ! तीसरा साल मनाने की स्थिति में तभी हूँ जहां आप सभी के प्यार और आशीर्वाद के बगैर पहुंचना नामुमकिन ही है ! आप सभी ने जिस तरह से मेरी हौसला आफजाई की है और मुझे प्रेरित किया है बेहतर से बेहतर लिखने के लिए उसका मैं दिल से शुक्र गुज़ार हूँ... और तमाम उम्र ऋणी रहूँगा ! ये केक मेरी गूरू कुल की सबसे लाडली बहन के तरफ से आया है सो इसका भरपूर स्वाद आप सभी भी चखें....
इस ब्लॉग जगत ने बहुत कुछ दिया है मुझे अगर उन सभी चीजों के बारे में लिखने बैठ जाऊं तो दो तिन पोस्ट ऐसे ही लिख डालूँ ...पूजनीय गुरू देव ,आदरणीय द्विजेन्द्र द्विज जी ,श्रधेय प्राण शर्मा जी , श्रधेय महावीर जी ,श्रधेय सर्वत जमाल जी ,श्रधेय मुफलिस जी , मेरे गूरू भाई बहन ,माँ निर्मला , मनु भाई ,दर्पण,सीमा जी ,डाक्टर अनुराग ,और वो तमाम सज्जन और गुणीजन जिन्होंने मुझे आगे बढ़ते रहने में साथ दिया, को दिल से फ़िर से आभार ब्यक्त करता हूँ !क्षमा चाहूँगा जिन साथियों का नाम नहीं लिख पाया ,उम्मीद है वो मेरी बात और भावनावों को समझेंगे !
गुरुवर का तो आभार भी ब्यक्त नहीं कर सकता क्यूंकि आज जो भी हूँ वो उनका दिया हुआ है !
उम्मीद करता हूँ के आप सभी अपना स्नेह और प्यार ऐसे ही मेरे ऊपर बरसते रहेंगे आगे भी !
आप सभी का
अर्श
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आपका चिंतन और लेखन प्रतिपल उत्कृष्ट हो यही कामना है। आपको शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत बहुत मुबारकबाद...अनेक शुभकामनाएँ..ऐसे ही रचते रहिये और दिलों में बसते रहिये.
ReplyDeleteBahut bahut badhai ho. Kripya apna mobile no. mujhe mail karein.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई आपको ।
ReplyDeleteजनदुनिया की ओर से आपको बधाई
ReplyDeleteब्लांग की तीसरी साल गिरह पर आप को बहुत बहुत बधाई, ओर आप युही लिखते रहे, खुब उन्नति करे
ReplyDeleteवाह ये भी खूब है हम तो सोचे थे इसी बहाने कोई गजल पढ़ने को मिलेगी
ReplyDeleteआप बिना पढाये पतली गली से सरक गये
खैर
आपका ब्लॉग दो वर्ष का हो गया
देखते ही देखते बच्चे बड़े हो जाते हैं :)
अब आते हैं मुद्दे पर
ये छोटा सा केक आप यहाँ रख गये हैं और खाने वाले सैकड़ों लोग अब बताईये भला ये कहाँ का न्याय है ?
अरे रखना ही था तो फुल साईज के ८-१० रखते लोग मन भर के केक ही खाते और दिल खोल कर आपको दुआएं देते :)
एक बात तो कहना भूल ही गया
हार्दिक बधाई
नहीं तो आप भी कहेंगे दुनिया की बात बता डाली बधाई नहीं दी :)
अर्श जी बहुत बहुत बधाई। मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें। आपकी भावनाओं को समझ सकता हूं।
ReplyDeletehttp://udbhavna.blogspot.com/
ब्लॉग की तीसरी सालगिरह पर बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ..
ReplyDeleteमुबारकां जी ... तीन साल ... अब तो ब्लॉग जवान हो गया है...
ReplyDeleteनयी ग़ज़ल का इंतज़ार है
अर्श भाई,
ReplyDeleteसालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो.
केक डाउनलोड कैसे करूँ. राईट क्लिक करता हूँ तो 'save cake as' जैसी कोई option नहीं दिखती. :)
-राजीव
"अर्श" ब्लॉग की तीसरी सालगिरह पर हार्दिक बधाई........एक शेर तुम्हारा ही है..
ReplyDelete"मै उदास रात की सदा सही, वो हंसी रात की महफ़िल है,
ये हकीक़त और ब्यान न हो , मै मुसाफिर हूँ, वो मंजिल है"
और हाँ ये बड़ी "दी" का केक देख कर तो सच में रहा नहीं जा रहा हा हा हा हा .
बस यूँही "अर्श" से फिर "अर्श" तक तुम्हरी गजलो का सुनहरा सिलसिला जारी रहे....
शुभकामनाये....
regards
अर्शजी ,
ReplyDeleteब्लॉग की तीसरी सालगिरह पर बधाई और मुबारकबाद !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
भाई प्रकाश अर्श जी
ReplyDeleteआपको ब्लाग के तीसरे जन्म दिवस पर हार्दिक बधाई
.
आपकी ग़ज़ल का इंतज़ार रहेगा.
तीन साल...??? अरे तब मैं क्यों तुम्हे जूनियर समझती हूँ। बल्कि तुम तो ५ दिन सीनियर ही हो मुझसे।
ReplyDeleteतुम्हारे ये तीन साल, तीस और तीन सौ सृजनात्मक वर्षों में तब्दील हों ये मेरी शुभ कामना।
@वीनस केक इतनी जल्दी में मँगाया गया था कि इससे बड़ा बेक ही नही हो सकता था। .... हाँ दो बड़े बड़े केक और भेजे थे मैने पर वो मैरिज केक कह के रिजेक्ट कर दिये गये :)
बधाई तीन पग चलने की . ऎसे कई पग सफ़र मे रखने है . चरैवेती चरैवेती
ReplyDeletebadhai aur shubhkamnayein
ReplyDeleteसालगिरह मुबारक, एक दिन बाद. इस में मेरा कोई दोष नहीं. लोग दिन में ३ बार मिलें और न बताएं तो किया क्या जा सकता है. फिलहाल, आप के हमराह मैं भी खुश हूँ. इस साल का आरम्भ एक नई गजल या कविता अथवा किसी लेख से होना चाहिए था, केक की फोटो दिखा दी और आल इज वेल.
ReplyDeleteआप मेरे से बहुत सीनियर हो, इस बडप्पन को बरकरार रखना.
Bahdayi ho ji 3 saal ho gaye blog banaye
ReplyDelete.........
sir..
ReplyDeleteaapka jadoo hamesha yun hi barkarar rahe,isi kamna ke saath bahut bahut badhai..! :)
CONGRATULATION.....!
ReplyDeleteब्लॉग का सुहाना सफर सदा यूँ ही चलता रहे...
ReplyDeletearsh ji aapko teesarii saalgirah khoob khoob mubaarak ho ..
ReplyDeleteअर्श भाई दौड़ता भागता हांफता देर से पहुंचा हूँ क्यूँ की आपके ब्लॉग की बस मिस हो गयी थी...पर पहुँच तो गया...तीसरे वर्ष की बहुत बहुत बधाई...आपकी ग़ज़लों और आवाज़ के बहुत बड़े प्रशंशक हैं हम...आपसे ऐसी ही ग़ज़लें पढने को मिलती रहें ये ही कामना है...
ReplyDeleteनीरज
हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteआप सभी गुणीजनों को मेरा सादर प्रणाम , जिस तरह से आप सभी ने मेरा हौसला बढ़ाया है इन विगत वर्ष में उसके लिए ऋणी रहूँगा ! ब्लॉग में गलती से तीसरी साल गिरह लिख दी गयी है जिसे बहन जी की पार की नज़र से दूसरी ही है ! इसे सुधार रहा हूँ ! इस गलती के लिए आप सभी से क्षमा चाहूँगा ...
ReplyDeleteनीरज जी और विनय प्रजापति दोनों ही मेरे पुराने प्रशंसकों में हैं मगर मैं दोनों का इनसे jyada बड़ा प्रशंसक रहा हूँ !
आप सभी का
सखी और अल्पना जी का साथ भी रहा है इस सफ़र में !
अर्श
बहुत बहुत मुबारक हो आप को अपने ब्लोग की सालगिरह.
ReplyDeleteबधाई, सिरजते रहो यूं ही शब्दों से अपनी भावनाओं को
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई अर्श जी ... आशा है आप ऐसे ही लिखते रहें .. हां . जल्दी जल्दी आया करें ...
ReplyDeleteMubarak ho Arsh bhai,
ReplyDeleteis nakli cake se kaam nahi chalne waala, tumhe address to maloom hi hai bhijvao ek asli cake, turant se pehle, nahi to jisne ye nakli cake bhej hai unhi se kaho ki asli bhijva de mujhe.
Aap khoob tarakki karo, main yahi dua karta hoon aur sabhi ko apne kalam ki jadoogari se rubaroo karvaate raho.
हार्दिक बधाई....
ReplyDeleteAAPKE BLOG NE AAJTAK JO KUCHH DIYA HAI VAH
ReplyDeletePRASHANSAA KE YOGYA HAI.TEESREE SAAL GIRAH
PAR MEREE HARDIK BADHAAEE AUR SHUBH KAMNAA
ब्लॉग की तीसरी साल पर दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए.
ReplyDelete'अर्श' का लब-ओ-लहजा अलग अपना रंग-ओ-आहंग रखता है. यह अंदाज़ शेअ'र गोई इनकी फ़ितरत का एक हिस्सा मालूम होता है. अल्लाह* करे ज़ोर क़दम और ज़्यादा !
(*ईश्वर अल्लाह तेरे नाम'.)
Aapke blof nki umra 3 baras sahi per aapki shayri 300 baras jiye yahi shubhkamna hai.
ReplyDelete3 baras our ye mukam !kabile tatif .
ReplyDeleteaane wale tmam tmam salo ke liye bhut bhut shubhkamnaye .
ांरे मुझे पता ही नही लगा इस पोस्ट का। बहुत बहुत बधाई मगर मुझे केक के साथ काजू बर्फी भी खानी है। तुम्हारा ब्लाग दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करे इस के लिये शुभकामनायें और आशीर्वाद।
ReplyDeleteBadhaiiiiiiiii.........
ReplyDeleteHey Arsh ...der se hee sahii...badhayiyan !!
ReplyDeleteदूसरी-तीसरी ...
ReplyDeleteजो भी है..बहुत बहुत मुबारक हो...
अपना तो याद भी नहीं कि कब बना था ब्लॉग....मगर तीसरी सालगिरह पढ़कर ये तो जरूर लगा था कि नहीं यार...
हमसे इतना सीनियर थोड़े ही है...
:)
काफी दिन बाद आना हुआ....नया रंग रूप मनमोहक है...आपके ब्लॉग का...
तीन साल हो गये...???? बड़े सीनियर हो तुम तो मियां\
ReplyDeleteखैर मुबारक हो बहुत-बहुत...परसों तो मिल ही रहे हैं हम। वैसे तो कायदे से कल ही मिलते :-(