सबसे पहले तो आप सभी को दीपावली की ढेरो शुभकामनाएं ! दीपावली के इस ख़ास पर्व पर चालिये सुनाता हूँ , एक ग़ज़ल ! उसी वादे के साथ की बह'रे ख़फ़ीफ़ से अलग किसी बह'र पर नई ग़ज़ल आपको सुनाउंगा ! तो चलिये सुनते हैं ऐसी ही एक ग़ज़ल ...

शुभ दीपावली
हम दोनों का रिश्ता ऐसा, मैं जानूँ या तू जानें!
थोडा खट्टा- थोडा मीठा, मै जानूँ या तू जानें !!
सुख दुख दोनों के साझे हैं फिर तक्सीम की बातें क्यों,
क्या -क्या हिस्से में आयेगा मैं जानूँ या तू जानें!!
किसको मैं मुज़रिम ठहराउँ, किसपे तू इल्ज़ाम धरे,
दिल दोनों का कैसे टूटा मैं जानूँ या तू जानें!!
धूप का तेवर क्यूं बदला है , सूरज क्यूं कुम्हलाया है ,
तू ने हंस के क्या कह डाला , मैं जानूँ या तू जानें!!
दुनिया इन्द्र्धनुष के जैसी रिश्तों मे पल भर का रंग,
कितना कच्चा कितना पक्का मैं जानूँ या तू जानें!!
इक मुद्दत से दीवाने हैं हम दोनों एक दूजे के ,
मैं तेरा हूँ तू है मेरा , मैं जानूँ या तू जानें!!
आप सभी का
अर्श
धूप का तेवर क्यूं बदला है , सूरज क्यूं कुम्हलाया है ,
ReplyDeleteतू ने हंस के क्या कह डाला , मैं जानूँ या तू जानें!!
बहुत सुन्दरता से हर बात को सलीके से पेश किया है .....!
सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteदिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
bahot pasand aayee......
ReplyDeleteनिया इन्द्र्धनुष के जैसी रिश्तों मे पल भर का रंग,
ReplyDeleteकितना कच्चा कितना पक्का मैं जानूँ या तू जानें!!खुबसूरत.... शुभ दिवाली....
आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!
ReplyDeleteसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बेहतरीन गज़ल के लिए बहुत बधाई।
ReplyDeletebahut khoob ........aapko diwali kee badhaaI
ReplyDeletelafzon ka jadoo kayam hai!
ReplyDeleteARSH SAHAB ACHHI GHAZAL HAI...
ReplyDelete,
'तू जानें' नहीं ''तू जाने'' HOTA HAI.
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति, बधाई.
ReplyDeleteकृपया पधारें मेरे ब्लॉग पर भी और अपनी राय दें.
क्या बात है.... लिखते थे कभी ख्वाब में दिल को तरख्त समक्ष कर... बहुत खूब लिखा है...
ReplyDeleteकभी हमारे ब्लॉग पर अपना दस्तखत करे...
sundar prastuti...
ReplyDeleteकिसको मैं मुज़रिम ठहराउँ, किसपे तू इल्ज़ाम धरे,
ReplyDeleteदिल दोनों का कैसे टूटा मैं जानूँ या तू जानें!!
खूबसूरत रचना
बेहद सुन्दर शब्द
ReplyDeleteYour thoughts are reflection of mass people. We invite you to write on our National News Portal. email us
ReplyDeleteEmail us : editor@spiritofjournalism.com,
Website : www.spiritofjournalism.com
aap ke blog par aakre acha lga,main jaanu ya tu jaane....bahut achi rachna...bdhaai....
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लॉग पे आई हु...बहुत खुबसूरत ग़ज़लें पढने को मिली...बहुत ख़ुशी हुई और बहुत मज़ा भी आया....सदर आभार...
ReplyDeleteआपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपके प्रतिक्रियाओं की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
ReplyDelete▬● अच्छा लगा आपकी पोस्ट को देखकर... साथ ही आपका ब्लॉग देखकर भी अच्छा लगा... काफी मेहनत है इसमें आपकी...
ReplyDeleteनव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके लिए सपरिवार शुभकामनायें...
समय निकालकर मेरे ब्लॉग्स की तरफ भी आयें तो मुझे बेहद खुशी होगी...
[1] Gaane Anjaane | A Music Library (Bhoole Din, Bisri Yaaden..)
[2] Meri Lekhani, Mere Vichar..
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बहुत सुन्दर ग़ज़ल| मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteबहुत खूब...
ReplyDeleteबेहतरीन पेशकश..
बधाई.
▬● बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने... शुभकामनायें...
ReplyDeleteदोस्त अगर समय मिले तो मेरी पोस्ट पर भ्रमन्तु हो जाइयेगा...
● Meri Lekhani, Mere Vichar..
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बहुत खूब भाई प्रकाश जी |
ReplyDeleteaap ki rachnaye umda hoti hai ,par kam likhte hai aap,likha kijiye
ReplyDeleteअभी अभी देखा कि यार,,, मेरी फेवरेट ग़ज़ल पर मेरा ही कमेन्ट नादारद है
ReplyDeleteये तो गलत बात है
तो अर्श भाई
इस "मेरी फेवरेट वाली" ग़ज़ल के लिए ढेरों दाद क़ुबूल करिये
Behad sundar bhav liye ... ek achhi post.
ReplyDeleteLife is Just a Life
My Clicks
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ॐ नमः शिवाय !! महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये.
ReplyDeleteबेहद उम्दा !
ReplyDeletesundar....
ReplyDeleteबहुत शानदार ग़ज़ल शानदार भावसंयोजन हर शेर बढ़िया है आपको बहुत बधाईबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
ReplyDeleteऔर बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
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