Tuesday, October 25, 2011

मैं जानूँ या तू जानें...


सबसे पहले तो आप सभी को दीपावली की ढेरो शुभकामनाएं ! दीपावली के इस ख़ास पर्व पर चालिये सुनाता हूँ , एक ग़ज़ल ! उसी वादे के साथ की बह'रे ख़फ़ीफ़ से अलग किसी बह'र पर नई ग़ज़ल आपको सुनाउंगा ! तो चलिये सुनते हैं ऐसी ही एक ग़ज़ल ...
शुभ दीपावली

हम दोनों का रिश्ता ऐसा, मैं जानूँ या तू जानें!

थोडा खट्टा- थोडा मीठा, मै जानूँ या तू जानें !!


सुख दुख दोनों के साझे हैं फिर तक्‍सीम की बातें क्‍यों,

क्या -क्या हिस्से में आयेगा मैं जानूँ या तू जानें!!


किसको मैं मुज़रिम ठहराउँ, किसपे तू इल्ज़ाम धरे,

दिल दोनों का कैसे टूटा मैं जानूँ या तू जानें!!


धूप का तेवर क्यूं बदला है , सूरज क्यूं कुम्हलाया है ,

तू ने हंस के क्या कह डाला , मैं जानूँ या तू जानें!!


दुनिया इन्द्र्धनुष के जैसी रिश्तों मे पल भर का रंग,

कितना कच्चा कितना पक्का मैं जानूँ या तू जानें!!


इक मुद्दत से दीवाने हैं हम दोनों एक दूजे के ,

मैं तेरा हूँ तू है मेरा , मैं जानूँ या तू जानें!!


आप सभी का

अर्श

30 comments:

  1. धूप का तेवर क्यूं बदला है , सूरज क्यूं कुम्हलाया है ,
    तू ने हंस के क्या कह डाला , मैं जानूँ या तू जानें!!

    बहुत सुन्दरता से हर बात को सलीके से पेश किया है .....!

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  2. सुन्दर प्रस्तुति |

    दिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  3. निया इन्द्र्धनुष के जैसी रिश्तों मे पल भर का रंग,
    कितना कच्चा कितना पक्का मैं जानूँ या तू जानें!!खुबसूरत.... शुभ दिवाली....

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  4. आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!

    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    पर आपका स्वागत है
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  5. बेहतरीन गज़ल के लिए बहुत बधाई।

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  6. ARSH SAHAB ACHHI GHAZAL HAI...
    ,
    'तू जानें' नहीं ''तू जाने'' HOTA HAI.

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  7. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति, बधाई.


    कृपया पधारें मेरे ब्लॉग पर भी और अपनी राय दें.

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  8. क्या बात है.... लिखते थे कभी ख्वाब में दिल को तरख्त समक्ष कर... बहुत खूब लिखा है...
    कभी हमारे ब्लॉग पर अपना दस्तखत करे...

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  9. किसको मैं मुज़रिम ठहराउँ, किसपे तू इल्ज़ाम धरे,

    दिल दोनों का कैसे टूटा मैं जानूँ या तू जानें!!
    खूबसूरत रचना

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  10. बेहद सुन्दर शब्द

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  11. Your thoughts are reflection of mass people. We invite you to write on our National News Portal. email us
    Email us : editor@spiritofjournalism.com,
    Website : www.spiritofjournalism.com

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  12. aap ke blog par aakre acha lga,main jaanu ya tu jaane....bahut achi rachna...bdhaai....

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  13. पहली बार आपके ब्लॉग पे आई हु...बहुत खुबसूरत ग़ज़लें पढने को मिली...बहुत ख़ुशी हुई और बहुत मज़ा भी आया....सदर आभार...

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  14. आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपके प्रतिक्रियाओं की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।

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  15. ▬● अच्छा लगा आपकी पोस्ट को देखकर... साथ ही आपका ब्लॉग देखकर भी अच्छा लगा... काफी मेहनत है इसमें आपकी...
    नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके लिए सपरिवार शुभकामनायें...

    समय निकालकर मेरे ब्लॉग्स की तरफ भी आयें तो मुझे बेहद खुशी होगी...
    [1] Gaane Anjaane | A Music Library (Bhoole Din, Bisri Yaaden..)
    [2] Meri Lekhani, Mere Vichar..
    .

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  16. बहुत सुन्दर ग़ज़ल| मकर संक्रांति की शुभकामनाएँ|

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  17. बहुत खूब...
    बेहतरीन पेशकश..
    बधाई.

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  18. ▬● बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने... शुभकामनायें...

    दोस्त अगर समय मिले तो मेरी पोस्ट पर भ्रमन्तु हो जाइयेगा...
    Meri Lekhani, Mere Vichar..
    .

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  19. बहुत खूब भाई प्रकाश जी |

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  20. aap ki rachnaye umda hoti hai ,par kam likhte hai aap,likha kijiye

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  21. अभी अभी देखा कि यार,,, मेरी फेवरेट ग़ज़ल पर मेरा ही कमेन्ट नादारद है

    ये तो गलत बात है

    तो अर्श भाई
    इस "मेरी फेवरेट वाली" ग़ज़ल के लिए ढेरों दाद क़ुबूल करिये

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  22. ॐ नमः शिवाय !! महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये.

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  23. बेहद उम्दा !

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  24. बहुत शानदार ग़ज़ल शानदार भावसंयोजन हर शेर बढ़िया है आपको बहुत बधाईबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
    और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

    http://madan-saxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena.blogspot.in/
    http://madanmohansaxena.blogspot.in/

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आपका प्रोत्साहन प्रेरणास्त्रोत की तरह है,और ये रचना पसंद आई तो खूब बिलेलान होकर दाद दें...... धन्यवाद ...