Tuesday, June 24, 2008

ये कौन आया है...

ये कौन आया है शोख आदावों में,
खुश्बू चारशु है आज हवावों में॥

वो पास बैठा है ,अल्लाह तेरा करम है,
मैंने माँगा था जिसको दुआवों में॥

मैं जिन्दा रहा बे-चिराग अब तलक,
रोशन है अब जहाँ उनकी निगाहों में॥

में नाजुक मिजाज़ ,हैरत फरोश हूँ के,
कितनी मोहब्बत है उनकी गिलावों में॥

ता-उम्र भटकता रहा मगर अब तस्कीं है,
बस मुझे जिंदगी मिली है उनकी पनाहो में॥

प्रकाश "अर्श"
१५/०२/२००८..

1 comment:

  1. this are the thoughts that a lover can realize,this thoughts reflects pure and sanity in love.

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आपका प्रोत्साहन प्रेरणास्त्रोत की तरह है,और ये रचना पसंद आई तो खूब बिलेलान होकर दाद दें...... धन्यवाद ...