मेरा महबूब मेरे घर होगा ।
दिल हमारा है प्रेम का मन्दिर,
हम पे नफ़रत का ना असर होगा ।
घर बनाते है पत्थरों के सब
मेरा घर खुश्बुओं का घर होगा ।
उनसे जब सामना होगा मेरा
दिल मेरा आसमान पर होगा ।
दिल को छलनी किया है नज़रों ने
इस पे कब मरहमे नज़र होगा ।
आज फ़िर ज़िन्दगी बुलाती है
आज फ़िर से शुरू सफर होगा ।
उनसे नज़रें मिलाये बैठा है
अर्श को मौत का ना डर होगा ॥
बहर .... २१२२ १२१२ २२
प्रकाश'अर्श'
३०/०३/२००९
अर्श जी खुशबुओं के घर कि उम्मीद सार्थक हो सुंदर है भिव्यक्ति आपकी
ReplyDeleteअर्श जी
ReplyDeleteएक से बढ़ कर एक शेर लाजवाब, पंकज जी का आशीर्वाद हो तो ग़ज़ल के क्या कहने, चार चाँद लग जाते हैं,
आज फिर ज़िन्दगी बुलाती है........
क्या कहना इस शेर में पूरे भाव उतार दिए आपने
बहुत अच्छी रचना की ... बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआज फिर ज़िन्दगी बुलाती है ..बहुत सुन्दर अच्छी लगी आपकी यह गजल
ReplyDeletearsh ji ..ye kamal ho gaya .. kya khoob likha hai yaar .. maza aa gaya .. khuda kare ki aapka ghar jeevan ki har khushbu se aabaad rahe..
ReplyDeletemeri dua hai aapke liye .. yun hi likhte rahe .. behatar aur behtar.. march ke mahine me, job pressure ke dauraan , aapki khubsoorat gazal padhkar maza aa gaya huzoor..
bahut khoob vakai ek se ek badh kar sher,
ReplyDeleteaaj to zindgi ko hathia le
ye bhi tera ek hunar hoga
आज फ़िर ज़िन्दगी बुलाती है
ReplyDeleteआज फ़िर से शुरू सफर होगा ।
उनसे नज़रें मिलाये बैठा है
अर्श को मौत का ना डर होगा ॥
waah bahut sunder
achchi kavita likhi hai aapne.. likhte rahiye hum aapko padne blog par aate raheinge
ReplyDeleteकभी न शिकवा न कभी गिला
ReplyDeleteबस तेरे तसव्वुर की चाहतमे जिंदगी को चाहने का वादा
घर बनाते है पत्थरों के सब
ReplyDeleteमेरा घर खुश्बुओं का घर होगा ।
उनसे नज़रें मिलाये बैठा है
अर्श को मौत का ना डर होगा -
'उनके दीदार से ही ज़िन्दगी की लो जलती रही..'
वाह अर्श जी,बहुत खूब!
चाहत की इंतिहा!
सभी शेर कमाल के हैं.
घर बनाते है पत्थरों के सब
ReplyDeleteमेरा घर खुश्बुओं का घर होगा ।
--बहुत खूब.. खुशबुओं का घर जल्द ही मुबारक हो!
बहुत अच्छा ख्याल है.
उनसे नज़रें मिलाये बैठा है
अर्श को मौत का ना डर होगा -
बहुत अच्छे!
बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल है.
उनसे नज़रें मिलाये बैठा है
ReplyDeleteअर्श को मौत का ना डर होगा ॥
Waah !! Waah !!
Khoobsoorat gazal....Badhai aapko aur aapke gurudev ko...
घर बनाते है पत्थरों के सब
ReplyDeleteमेरा घर खुश्बुओं का घर होगा ।
बहुत खूब...बधाई...
आज फ़िर ज़िन्दगी बुलाती है
ReplyDeleteआज फ़िर से शुरू सफर होगा ।
.........
bahut hi prabhawshaali rachna
आज फ़िर ज़िन्दगी बुलाती है
ReplyDeleteआज फ़िर से शुरू सफर होगा ।
kya baat hai ...subhanalaah...
खुशबुओं का घर , क्या बात है
ReplyDeleteउनसे नज़रें मिलाये बैठा है
ReplyDeleteअर्श को मौत का ना डर होगा ॥
बहुत अच्छे...
बहुत ही अच्छे शेरोन से सजी हुई ग़ज़ल है.
ReplyDeleteपसंद आई.
आज फिर जिंदगी बुलाते है
आज फिर से शुरू सफ़र होगा
- विजय
बड़ा प्यारा मिस्रा "मेरा घर खुश्बुओं का घर होगा " अर्श जी...सुभानल्लाह और मक्ते ने तो हाय रे~~~~
ReplyDeleteबहुत खूब उस्ताद....बहुत खूब !!
घर बनाते है पत्थरों के सब
ReplyDeleteमेरा घर खुश्बुओं का घर होगा ।
इतनी सुन्दर बात तो बस बवाल का प्यारा छोटा भाई अर्श ही कर सकता है, शर्त लगा ले कोई भी है ना अर्श। बहुत ख़ूब और बहुत लाजवाब।
Dua hai ki aapki zindagee, khushboo, rang, aur baharonse bharee pooree ho...behtareen likhte hain
ReplyDeletemere blogpe aake zarranawazeeke liye shukrguzar hun....pohot dinon pehleekee tippaneeka aaj uttar de rahee hun...kshamaprarthi hun...
Mere netpe zabardast hacking ho gayee thee, aur galatfehmiyonka ek ambar-sa ban gaya tha...mere saath any kayi bloggers ko is karan pareshani uthani padee...
आज फ़िर जिन्दगी बुलाती है.
ReplyDeleteआज फ़िर से सफ़र शुरू होगा
जिन्दगी का इससे बढ़िया आगाज और क्या हो सकता है.
सुन्दर बव पूर्ण ग़ज़ल प्रस्तुति पर हार्दिक आभार.
घर बनाते है पत्थरों के सब मेरा घर खुशबुओ का घर होगा........
ReplyDeleteये शेर लाजवाब है .......ऐसे घर की कल्पना जो खुशबुओ से सजा हो रोमाचक है ......
Regards
आपकी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत है ....बहुत अच्छी लगी मुझे
ReplyDeleteमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
wah wah bahut khoob arsh ji.........
ReplyDeleteबहुत पसंद आयी आपकी यह रचना!
ReplyDeleteघर बनाते है पत्थरों के सब
ReplyDeleteमेरा घर खुश्बुओं का घर होगा
arsh ji jab bhi apki koi ghazal padhta hoon (jo ki na kewal vyakaran ke hisab sae suddh hoti hai balkin bhav paksh bhi sabal hota hai) to mujhe apne likhe pe fir vichar karne ka man hota hai.
Ashchrya hota hai ki ap jaise lekhak ko meri ghazal kaise pasand aa jati hai.
Apki taarif bhi agar karoon to wo chota muh badi naat lagti hai...
kya baat kahi hai bhaiya....
ReplyDelete"मेरा घर खुश्बुओं का घर होगा ।"
wah...wah...wah...wah... :))
वाह 'अर्श' जी
ReplyDeleteबहरे-ख़फ़ीफ़ में बड़ी प्यारी गज़ल लिखी है।
आज फिर ज़िन्दगी बुलाती है
आज फिर से शुरू सफ़र होगा
उनसे नज़रें मिलाये बैठा है
'अर्श' को मौत का न डर होगा
दोनों ही ख़ूबसूरत अशा'र हैं।
महावीर जी ने शेरों की प्रशंसा कर दी इसका अर्थ है कि ग़ज़ल ओके टेस्टेड हो गई है तथा इसे आइ एस ओ 9001-2000 प्रमाण पत्र मिल गया है । ये जो तुमने ब्लाग पर रंगों की बारिश लगा रखी है उसे हटा दो उसके कारण तुम्हारा ब्लाग खुल नहीं रहा है और बार बार एरर दे कर बंद हो जाता है एक्सप्लोरर ।
ReplyDeleteदिल हमारा है प्रेम का मन्दिर,
ReplyDeleteहम पे नफ़रत का ना असर होगा ।
गुरुदेव तो पारस हैं बंधू जिनके संपर्क में आने मात्र से आप क्या से क्या हो जाते हैं. बहुत उम्दा ग़ज़ल कही है...बधाई...
नीरज
aaj phir zindagi bulati hai
ReplyDeleteaaj phir se shuru safar hoga
bahut khoob
दिल हमारा है प्रेम का मंदिर
ReplyDeleteइस पर न नफरतों का असर होगा ......
बहुत खूब बहुत सुन्दर लिखा है आपने ....अर्श जी आजकल व्यस्तताएं बढती जा रही है उस पर लोकसभा के चुनाव भी करवाने है ..बस इसके सिवा कहाँ जाते ....क्या आप कुरुक्षेत्र आ रहे हो ? बहुत अच्छा लगेगा अगर आप आ रहे है तो मै तो आप सब को कुरुक्षेत्र ही मिलूँगा .
धन्यवाद
अर्श भाई आपकी गजल के पहला दूसरा और छठा शेर पसंद आया
ReplyDeleteवीनस केसरी
अर्श भाई, कमाल का लिखा है!! मजा आ गया। सभी शेर लाजवाब हैं।
ReplyDeleteआज फिर जिन्दगी बुलाती है....
ReplyDelete-पूरे जोश में है गज़ल..आनन्द आ गया. बेहतरीन. लिखते रहें.
सदैव की तरह बेहतर कहा है आपने बधाई.....
ReplyDeletesoch rahen hain....ham bhi aa jaayen aapke ghar men....aa jaayen naa.....??
ReplyDeleteapp ki gazal achi lagi
ReplyDeletebahut achchi ghazal hai...kuch sher khaas pasand aaye.
ReplyDeleteआज फिर जिंदगी बुलाती है
ReplyDeleteआज फिर से शुरू सफ़र होगा!
और खुशबुओं का घर!
उम्मीद झाँक रही है इन पंक्तियों से, लेकिन पता नहीं क्यूँ उदास सी उम्मीद जिसके पूरा होने की उम्मीद न सी है|
'दिल हमारा है प्रेम का मन्दिर,
ReplyDeleteहम पे नफ़रत का ना असर होगा'
' घर बनाते है पत्थरों के सब
मेरा घर खुश्बुओं का घर होगा ।'
'आज फ़िर ज़िन्दगी बुलाती है
आज फ़िर से शुरू सफर होगा ।'
- ऐसी आशावादी पंक्तियाँ दिल में उछाह पैदा करती हैं.
बहुत सुन्दर रचना है।बधाई स्वीकारें।
ReplyDeleteआप सभी पाठकों का मैं दिल से शुक्रिया करता हूँ जो इस नाचीज के लिए मसरूफियत के बावजूद समय निकाला और अपना प्यार और आशीर्वाद बख्शा ...विशेष रूप से गुरु देव को और श्रेष्ठ श्री महावीर जी को तथा उन तमाम साहित्य के दखल्कारोन का आभार और शुक्रिया...
ReplyDeleteअर्श
बेहतरीन गजल, दिल खुश हो गया।
ReplyDeleteपूरी गजल प्रसंशनीय है लेकिन ये शेर: " दिल हमारा है प्रेम ......." अत्यंत प्रभावशाली लगा।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteइंतज़ार में हैं भाई अर्श।
ReplyDeleteअर्श जी सभी शे'र एक से बढ़ के एक हैं...किसकी तारीफ करूँ और किसकी न करूँ......?
ReplyDeleteहाय वो वक्त किस कदर होगा
मेरा महबूब मेरे घर होगा ।
वाह...वाह...!!
दिल हमारा है प्रेम का मन्दिर,
हम पे नफ़रत का ना असर होगा ।
बल्ले...बल्ले...!!
घर बनाते है पत्थरों के सब
मेरा घर खुश्बुओं का घर होगा
और ये तो सुभानाल्लाह ....!!
arsh ji apki chutki meri chutki se Tez kaise?
ReplyDeletehahahaha
:)
...aaj ki ghazal blog main just apke comment baad mere comment padhein !!
Landed on your blog by chance, lovely creations. BTW what is the meaning of "Arsh"
ReplyDeleteशानदार गजल,,,,
ReplyDeleteबे-तखल्लुस ने कुछ कहा गर तो,
एक हंगामा तेरे घर होगा,
आपके सभी गुरुओं के आशीर्वाद से सुंदर गजल बन पडी है,,,,,
bhaai jaan,
ReplyDeleteye modirate ki jaroorat aapko kyoon pad gai,,,,,
aap to likhte hi shaandaar hain,,,
आज फिर ज़िन्दगी बुलाती है आज फिर शुरु सफर होगा बहुत बडिय आप्के जीवन का सफर आप्के लिये खुशियां ले कर आये
ReplyDeleteआप ने मेरी तारीफ़ की उसके लिये बहुत बहुत शुक्रिया !
ReplyDeleteआप तो बहुत ही सुन्दर लिखते है और मेरा ये मान्ना है कि आप बडे ही उन्दा लेखक है !