चेहरा छुपाए रख्खा है वो देखो नकाब में ।
कातील है फ़रिश्ता है वो देखो नकाब में ॥
कत्ल करता है ऐसे के पता भी ना चले ,
जख्म देता है गहरा है वो देखो नकाब में ॥
हमसे रूठा है ये सितम है या अदा उसकी
जैसा भी है अच्छा है वो देखो नकाब में ॥
नाजुक लबों से उसके मोहब्बत की सदा सुन
जिन्दा हूँ के आया है वो देखो नकाब में ॥
मैं हूँ इस बात पे खामोश तू उसकी सब्र देख
दरिया है वो प्यासा है वो देखो नकाब में ॥
एक बेकली है जो दफ़न है"अर्श"मेरे सीने में
एक खलिश है के तड़पता है वो देखो नकाब में ॥
प्रकाश "अर्श"
३०/१२/२००८
kya kya chhupa hai arsh dekho naqab mein, ek gazal ka dariya hai dekho naqab mein.,
ReplyDeletemeri dua yahi hai arsh dekho ek din sagar se ja miloge tum dekho naqab mein. swapn
कत्ल करता है ऐसे के पता भी ना चले ,
ReplyDeleteजख्म देता है गहरा है वो देखो नकाब में
अर्श जी
लाजबाब गजल है बधाई भाई . लिखते रहिये शुभकामनाओ के साथ.
महेंद्र मिश्रा
जबलपुर
क्या बात है अर्श भाई...वाह "मैं हूं इस बात पे खामोश तू उसकी सब्र देख / दरिया है वो प्यासा है वो देखो नकाब में"
ReplyDeleteभई बिछ गये हैं इस शेर पर तो
बहुत ख़ूब लिखा, दरया है वो प्यासा है देख निक़ाब में वाह!
ReplyDeleteनव-वर्ष की मंगलकामनाएँ।
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चाँद, बादल और शाम
http://prajapativinay.blogspot.com/
बहुत ख़ूब!
ReplyDeleteमैं हूँ इस बात पे खामोश तू उसकी सब्र देख
ReplyDeleteदरिया है वो प्यासा है वो देखो नकाब waah bahut badhiya
साल के अंत में एक और अच्छा प्रयास...लिखते रहें...
ReplyDeleteनव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
नीरज
बेहतर से बेहतरीन हो गया,अदब के ज़माल में
ReplyDeleteग़ज़ल पे ग़ज़ल लिख गया अर्श इस गए साल में,
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शानदार ग़ज़ल लिखकर आपने हमारे अन्दर के पाठक को जगा ही दिया
अब ये प्यास लगी तो कैसे बुझेगी
हमे जाम पे जाम चाहिए ग़ज़ल भर भर के
बहुत ही सुंदर लिखते हो भाई, कमाल कर देते हो....
ReplyDeleteकत्ल करता है ऎसे कि पता भी ना चले,
जख्म देता....
वाह वाह नये साल मै भी आप की जूदाई कलम ओर भी निखरे
धन्यवाद
नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!
नज्म पे नज्म कलाम पे कलाम
ReplyDeleteइत्ती सी उम्र और इत्ती बड़ी उडान
अरे पढ़ते पढ़ते मैं भी शायरी न करने लग जाऊ
"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
ReplyDeleteregards
Nav Varsh Ki shubhkaamnaayein...bas aise hi likhte rahiye...umda soch
ReplyDeletedoosre sher ki doosri pankti mein zara flow toot raha hai,nazar daaliyega :)
नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !! नव वर्ष-२००९ की ढेरों मुबारकवाद !!!...नव-वर्ष पर मेरे ब्लॉग "शब्द-शिखर" पर आपका स्वागत है !!!!
ReplyDeleteआप सभी पाठकों का तहे दिल से धन्यवाद,आप सभी का प्यार ,स्नेह और आशीर्वाद का ये फल है ,आप सबों का प्रोत्साहन मुझे बेहतर लिखने को उत्प्रेरित करता है ...
ReplyDeleteसाथ में आप सभी बंधू बांधवों को नव वर्ष की मगल्कामना ...
आभार
अर्श
nav warsh ki aapko dher saari shubhkaamnaaye...
ReplyDeleteबहुत खूब| नया साल आपको मुबारक हो|
ReplyDeleteबहुत खूब...बैठा हूं दर्द की बरसी में तजुर्बे के लिए...गजल का यह सिलसिला नये साल में भी चलता रहे...
ReplyDeletehamesha ki tarah bahut hi achchee ghazal hai.
ReplyDeletekaun sa sher pick karun..sabhi bahut khubsurat hain--naye saal ka sundar tohfa!dhnywaad-
आप को और आपके परिवार को नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं
कुछ ही पलों में आने वाला नया साल आप सभी के लिए
ReplyDeleteसुखदायक
धनवर्धक
स्वास्थ्वर्धक
मंगलमय
और प्रगतिशील हो
यही हमारी भगवान से प्रार्थना है
बहुत खूब अर्श जी, खूबसूरत, लाजवाब ग़ज़ल
ReplyDeleteआपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं
वाह अर्ष भाई बढिया ग़ज़ल आपको नव वर्ष की शुभकामनाएं।
ReplyDeletebhaiya...happy new year...!!
ReplyDeleteis naye saal me bhi isi tarah likhte rahein... :))
Puneet Sahlot
http://imajeeb.blogspot.com
arsh bhaiyye abki baar to naqab phenakar kamal kar diya bahut hi jordaar likha hai.....
ReplyDeleteaapko bhi naye saal ki mubarakbaad .....
बहुत अच्छा लिखा है,इसे पढ़ कर एक गाना याद आ गया
ReplyDeleteचेहरा छुपा लिया है किसी ने नकाब में...
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
नववर्ष की हार्दिक ढेरो शुभकामना
ReplyDeletebahut achchhi gajal hai. nakab ke dhero rub dikha diye aapne
ReplyDeleteनई उमंगों के साथ आए नया वर्ष....
ReplyDeleteआपको नववर्ष की शुभकामनायें....
ek baar fir tumhara aakhiri sher.....nakab vaala khas pasand aaya .ye tumne shayad lock laga rakha hai ,jiski vajah se copy paste nahikar pa raha.
ReplyDeleteबहुत बेहतर ’अर्श’ भाई, बहुत उम्दा. नक़ाब कुशाई सिर्फ़ अफ़्सानों की नहीं हक़ीक़त की भी होती है. आपने सब दर्ज किया. बासलीक़ा किया, ये बहुत खु़शी की बात है. विनय भाई "नज़र" से सम्पर्क बनाए रखिए.
ReplyDelete---आपका शुभचिंतक बवाल