वो हमेशा मुझे कहते हैं के ग़ज़ल ऐसा कहो के तुम्हारी ग़ज़ल शे'र ठेले वालों और पान की गुमटी वालों तक पहुंचे तभी सच्ची और अच्छी ग़ज़ल कही जाती है , शे'र ऐसा कहो के लोगों के जुबान पर चढ़ के बोले , ये सारी बातें यह साबित करती है के वो कितने बारीक से लोगों की भावनावो और साहित्य की बात को समझते हैं... इनके वीर रस के कवितावों का क्या कहना महारथ हाशिल है इन को .....
इनके प्रकृति प्रेम को आप सहजता से लें और देखें की ये कितने घुल मिल कर बातें करते हैं इन से भी ... गूरू जी के बारे में कुछ बातें खास हैं वो ये के उनको तरह तरह ब्यंजन चखने का बहुत ही शौक है एक बारी जब इनसे मिला था तो इसकी जानकारी लगी अमूमन उनको देख कर ऐसा बिल्कुल नही लगता के वो खाने के इतने शुं हैं... यहाँ तक के वो गोलगप्पे के ज्यादा शौकीन हैं ....
बेहद सरल स्वभाव और मृदुभाषी इस इंसान के लिए क्या कहूँ कुछ समझ नही आ रहा है थोड़े संकोची हैं मगर बेहद संवेदनशील इंसान हैं.... ऊपर वाले से यही विनती करूँगा के इनको दुनिया की वो तमाम खुशियाँ बख्शे जिसकी ये इक्षा रखते हैं ,साहित्य के प्रति इनकी लगन और कर्म हमेशा ही चरम पे रहे ,॥
आज इस विशेष दिवस पर उनके हमेशा ही मंगल के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना करता हूँ ॥ साहित्य रुपी आसमान में ये एक ध्रुव तारे की तरह विराजमान हैं , इनको सदर चरण स्पर्श ....
आपका
अर्श
इनके प्रकृति प्रेम को आप सहजता से लें और देखें की ये कितने घुल मिल कर बातें करते हैं इन से भी ... गूरू जी के बारे में कुछ बातें खास हैं वो ये के उनको तरह तरह ब्यंजन चखने का बहुत ही शौक है एक बारी जब इनसे मिला था तो इसकी जानकारी लगी अमूमन उनको देख कर ऐसा बिल्कुल नही लगता के वो खाने के इतने शुं हैं... यहाँ तक के वो गोलगप्पे के ज्यादा शौकीन हैं ....
बेहद सरल स्वभाव और मृदुभाषी इस इंसान के लिए क्या कहूँ कुछ समझ नही आ रहा है थोड़े संकोची हैं मगर बेहद संवेदनशील इंसान हैं.... ऊपर वाले से यही विनती करूँगा के इनको दुनिया की वो तमाम खुशियाँ बख्शे जिसकी ये इक्षा रखते हैं ,साहित्य के प्रति इनकी लगन और कर्म हमेशा ही चरम पे रहे ,॥
आज इस विशेष दिवस पर उनके हमेशा ही मंगल के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना करता हूँ ॥ साहित्य रुपी आसमान में ये एक ध्रुव तारे की तरह विराजमान हैं , इनको सदर चरण स्पर्श ....
आपका
अर्श
अर्श जी ....... आपने हमारे दिल की बात लिख दी है .... गुरुवार पंकज सुबीर जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई ..... भगवान् उन को दिन दूनी रात चौगनी उन्नति दे .....
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति. गुरुदेव पंकज सुबीर जी को जन्मदिन के अवसर पर ढेरो बधाई .
ReplyDeletearsh, meri or se bhi shubhkaamnayen, preshit karen. dhanyawaad.
ReplyDeleteऐसा प्रतीत हो रहा है कि रचनाकार निर्वैयक्तिकता का सारा आवरण उतारकर एक आत्मीय की भांति अत्यंत निजी ढ़ंग से बातें कर रहा है।
ReplyDeleteगुरु जी को मेरी तरफ से भी जन्म दिन पर ढ़ेरों बधाइयां, शुभकामनाएं।
हमारी भी शुभकामनायें.....
ReplyDeleteअर्श दिल्ली के वो गोलगप्पे आज तक भी याद आते हैं । अबकी बार जब भी दिल्ली आना हुआ तो चांदनी चौक की चाट खाने ज़रूर चलना है । मैंने सुना है कि वहां पर बहुत अच्छी चाट और गोलगप्पे मिलते हैं । और हां सुना है कि वहां पर रबड़ी भी बहुत अच्छी मिलती है इस बार वो भी खाना है । जन्मदिन के लेख ने भावुक कर दिया है ।
ReplyDeleteहमारी सारी शुभकामनाएं गुरू जी के लिए, जीवन खुशियों की फूलवारी बन जाए।
ReplyDelete"Ghazal aisi kaho ki tumhari ghazal ke she'r...."
ReplyDeleteis baat se to Pankaj ji ki tarah main bhi sehmat hoon....
..Unko janmdin ki bahut bahut badhai ! Waise Kanchan ji ke waha kal hi de aaiya hoon...
par aapke blog main aaiya to yahan bhi !!
:)
aur haan unke tarhi pe maine bhi girah baandne ki koshi ki...
"Deep jalte rahe jhilmilate rahe,
Door 'sai' khade muskurate rahe.
ek aur ....
"'zindagi' rooth jaane ki had ho gayi,
zindagi bhar tujhe hum manate rahe !"
main jaanta hoon ki ye bd'day gift unhein kum hi pasand aaiyega...
hahaha
अर्श जी आपके दुरूजी को शुभकामनायें सुबह ही दे दी थीं। आपने ये आलेख लिख कर बहुत अच्छा तोहफा दिया अपने गुरू जी को ।अपको और आपके गुरूजी को बहुत बहुत बधाई। आशीर्वाद्
ReplyDeleteकल रवि जी का और आज आप का लेख पढ़ा और भावः विभोर हो गया...पंकज जी हैं ही ऐसे इंसान की उनकी जितनी प्रशंशा की जाये कम है...इश्वर उन्हें दुनिया भर की खुशियाँ दे येही प्रार्थना करते हैं...
ReplyDeleteनीरज
बेटा जी एक बात तो मैंभूल ही गयी थी कि तुम्हरी शिकायत तुम्हारे गुरूजी से करनी है कि तुम जल्दी से पोस्ट नहीं लिखते। उन से कहूँगी कि तुम्हारे कान पकड कर तुम्हें हुकम दें । माँ का तो कहना मानते नहीं हो----- गुरूजी का तो मनोगे ही
ReplyDeleteगुरु जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई ..
ReplyDeletevenus kesari
arsh sahib!aap bahut umda sher kahte hain.aapka gadya lekhan bhi ati sunder hai.prabhavit hui.aap khushnaseeb hain aapke pas isslaah ke liye guru hain.aapke guruji ko bhi kotishah pranaam.guru hi shishya ko farsh se arsh tak ki yatra kara sakte hain.kabhi hamare blog per bhi tashreef layen.namaskar.
ReplyDeleteअर्श जी ,
ReplyDeleteगुरु जी को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं ....!!
आज आपके माध्यम से सुबीर जी के बारे में बहुत सी जानकारी मिली ....इतने सरल सहज इंसान से भला औं प्रभावित नहीं होगा ....अक्सर नीरज जी ,निर्मला जी , गौतम जी को उनकी तारीफ करते सुनती रहती हूँ ....उन्हें नमन ...ईश्वर उन्हें यश और समृद्धि बख्शे .....!!
पंकज जी के जन्मदिन की हार्दिक् शुभकामनाएं।
ReplyDelete----------
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बहुत बढि़या तोहफा है यह आलेख जन्मदिन पर. मास्साब को फिर से बधाई.
ReplyDeleteभावना से भगवान मिलते हैं भाई...... जय हो...
ReplyDeleteGuruji को samarpit bhaav bhara lekh.
ReplyDeleteshubhkamanyen है कि आप के guru का ashirwad आप पर हमेशा bana रहे.
unhen jaanmdin की शुभकामनायें पहले दे chuki हूँ..एक बार फिर से janamdin की badhayeeyan.
arsh ji aapke guruji ko hamari aur e bhi jamndin ki badhai den.kyoki guru ka sthan hi sarvocch hai.aapki unke liye bhawnayn bhi pranamya hain.
ReplyDeleteझिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित , ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये. इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.."
ReplyDeleteregards
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteप्रकाश अर्श जी
ReplyDeleteआपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं ..........
"आओ मिल कर फूल खिलाएं, रंग सजाएं आँगन में
ReplyDeleteदीवाली के पावन में , एक दीप जलाएं आंगन में "
......दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ |