Tuesday, July 1, 2008

मेरी अंदाजे-नवां तुम हो..........

मेरी मोहब्बत की वफ़ा तुम हो ,
मेरी बंदगी, मेरी दुआ तुम हो ॥

हर एक वरक पे है दास्ताँ हमारी ,
मैं सब हूँ मेरी वाक्या तुम हो ॥

आज हरतरफ दिख रही है खामोशी,
शुक्र है में हूँ,मेरी जुबान तुम हो ॥

तुम हटाना ना रूख से परीशां जुल्फें ,
मैं मर ही जाऊंगा यूँ नशा तुम हो ॥

मैं दुआ करूँ मगर हर्फे-दुआ काया हो ,
"अर्श"जब कहे मेरी अंदाजे-नवा तुम हो ॥

प्रकाश "अर्श"
०१/०७/2008

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