ये कौन आया है शोख आदावों में,
खुश्बू चारशु है आज हवावों में॥
वो पास बैठा है ,अल्लाह तेरा करम है,
मैंने माँगा था जिसको दुआवों में॥
मैं जिन्दा रहा बे-चिराग अब तलक,
रोशन है अब जहाँ उनकी निगाहों में॥
में नाजुक मिजाज़ ,हैरत फरोश हूँ के,
कितनी मोहब्बत है उनकी गिलावों में॥
ता-उम्र भटकता रहा मगर अब तस्कीं है,
बस मुझे जिंदगी मिली है उनकी पनाहो में॥
प्रकाश "अर्श"
१५/०२/२००८..
this are the thoughts that a lover can realize,this thoughts reflects pure and sanity in love.
ReplyDelete