हमसे मिलने का यूँ सिलसिला रखना,
हमारे बाद हमारे कब्र का पता रखना॥
हमारे दीवानगी के चर्चे तो बहोत है,
तुम अपनी मोहब्बत का हौसला रखना॥
हर कोई आएगा पूछेगा तेरे दिल का मिजाज़,
दायरे इश्क में कदम अहिस्ता-अहिस्ता रखना॥
तू शबाब है नसीहतें फरेब होंगी,
जो फकत मेइल है उससे फासला रखना॥
प्रकाश "अर्श"
२२/०२/2008
हमारे बाद हमारे कब्र का पता रखना॥
हमारे दीवानगी के चर्चे तो बहोत है,
तुम अपनी मोहब्बत का हौसला रखना॥
हर कोई आएगा पूछेगा तेरे दिल का मिजाज़,
दायरे इश्क में कदम अहिस्ता-अहिस्ता रखना॥
तू शबाब है नसीहतें फरेब होंगी,
जो फकत मेइल है उससे फासला रखना॥
प्रकाश "अर्श"
२२/०२/2008
Nice one....
ReplyDeleteNice one....
ReplyDeletesense of matuaredness is there in this writeup, it can shake any personality
ReplyDeletePerfect, perfect and perfect....
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